उत्तर प्रदेश के लोगों को ये भरोसा हो गया था कि मायावती ही वो नेता हैं जो, प्रदेश से मुलायम सिंह यादव और उनके गंडों का आतंकराज खत्म कर सकती हैं। मायावती ने भी दहाड़-दहाड़कर ये जताया कि वही अकेली नेता हैं जो, सपा के राज में खत्म हो गए कानून के राज को फिर से वापस ला सकती हैं। लेकिन, 6 महीने बीतते-बीतते ही माया की सत्ता का असली रंग दिखना शुरू हो गया है।
उत्तर प्रदेश के एक मंत्री आनंदसेन यादव के ऊपर आरोप है कि उन्होंने फैजाबाद में विधि स्नातक की छात्रा शशि के साथ अनैतिक संबंध कायम किए (अब तो मैं भ्रम में पड़ गया हूं कि ये अब अनैतिक रहा भी है क्या) फिर एक दिन अचानक शशि गायब हो गई। अंदेशा है कि उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस शशि की लाश अब तक नहीं खोज पाई है।
जब मीडिया में बहुत हल्ला होने लगा तो, आनंदसेन को मायावती ने इस्तीफा देने के लिए कह दिया। एक दिन बाद मंत्री आनंदसेन ने इस्तीफा तो दे दिया। लेकिन, आश्चर्य है कि अब तक मंत्री आनंदसेन यादव के खिलाफ कोई जांच ही नहीं शुरू हुई है। जबकि, अब तक मिले सुबूतों से साफ है कि गायब होने से पहले शशि सुल्तानपुर में मंत्री आनंदसेन के साथ देखी गई थी। लेकिन, पुलिस सिर्फ शशि की लाश खोजने में लगी है। हां, आनंदसेन के ड्राइवर से जरूर पूछताछ चल रही है।
अब सवाल ये है कि अगर आनंदसेन को सरकार दोषी नहीं मानती तो, उनसे इस्तीफा लेने की क्या जरूरत थी। और, अगर इस्तीफे का आधार आरोपी होना है तो, फिर एफआईआर में आनंदसेन का नाम क्यों नहीं है। शशि के पिता योगेंद्र कुमार साफ-साफ कह रहे हैं कि उनकी बेटी की हत्या आनंदसेन यादव ने करवाई है। टीवी पर रोते हुए योगेंद्र कुमार के बगल में हमेशा मायावती के आदर्श डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की बड़ी तस्वीर दिखती है। योगेंद्र कुमार रोते हुए बार-बार कह रहे हैं कि वो बरसों से बहुजन समाज पार्टी की झंडा उठा रहे हैं लेकिन, उसी पार्टी की सरकार में उनकी बेटी की इज्जत गई, अब जान भी जाती दिख रही है।
उत्तर प्रदेश में सारे समीकरणों को तोड़कर जनता ने मायावती को भय, भ्रष्टाचार और आतंक के खिलाफ पूर्ण बहुमत दिया। मायावती को सत्ता मिली तो, माया ने कहा – मायाराज में मलायम राज का भय, भ्रष्टाचार और आतंक-जंगलराज पूरी तरह से खत्म होगा। महीने भर में ही मुलायम के गुंडे अंदर हो गए। कानून का राज दिखने लगा। और, अब उत्तर प्रदेश में सिर्फ मायावती के लोगों को भय, भ्रष्टाचार और आतंकराज चल रहा है। मुलायम राज का भय, भ्रष्टाचार और आतंकराज खत्म हो गया। मैडम मायावती ने अपना चुनावी वादा पूरा कर दिया।
कुल मिलाकर मायावती, मुलायम के ही रास्ते पर जाती दिख रही हैं। इलाहाबाद में इफको फैक्ट्री में वसूली के लिए गए गुंडों में बसपा के एक स्थानीय नेता का भाई भी शामिल था। ऐसा हाल लगभग राज्य के हर जिले में दिख रहा है। यानी उत्तर प्रदेश के लोगों के दिन बहुरने में अभी जाने कितना वक्त लगेगा।
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1 comment:
आप जिन की बात कर रहे हैं यह सभी एक ही थाली के चट्टे-बट्ट्रे है...जिसे भि बिठा दो कुर्सी पर...कुछ देर तक तो सब ठीक नजर आता है...लेकिन कुछ समय बाद फिर वही सब कुछ...।अपने दे श का अब भगवान ही मालिक है..।
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