अब मायावती कुछ भी प्रेस कांफ्रेंस करके बोलती हैं। मायावती ने आज फिर प्रेस कांफ्रेंस कर डाली। एक नहीं दो-दो वजहें थीं। टिकैत की गिरफ्तारी या सरकार के साथ अंदर ही अंदर हुए समझौते पर सफाई देनी थी । साथ ही अपने खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में विरोधियों पर साजिश का आरोप लगाना था पने चिरपरिचित अंदाज में मायावती आईं और रुक-रुककर अच्छे से तैयार की गई स्क्रिप्ट पढ़ डाली। इससे लोकसभा चुनावों के लिए और उसके बाद सरकार बनने के समीकरण भी काफी हद तक साफ हो गए।
मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए ही सबको बताने, खासकर अपने वोटबैंक को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि, कोई भी कितना बड़ा आदमी हो, उनके राज में दलितों को गाली देकर को बच नहीं सकता। टिकैत के माफी मांगने को उन्होंने जोर देकर बताया और इसी बहाने कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उनसे इस्तीफा मांगा तो, केंद्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति के आयोग बूटा सिंह पर आरोप लगा डाला कि उनके खिलाफ अपशब्दों के इस्तेमाल के मामले में बूटा सिंह ने कांग्रेस के दबाव में काम किया।
वैसे राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश में जरूरत से ज्यादा रुचि दिखाने से मायावती पहले से ही चिढ़ी हैं और कुल मिलाकर पिछले तीन दिनों की घटनाओं ने लोकसभा चुनावों के लिए सबको अपने-अपने सहयोगियों को चुनने का मौका दे दिया है। भाजपा को फिर 'माया' रास आ रही है। और, उत्तर प्रदेश में बसपा के राज में डरे कार्यकर्ताओं के साथ मुलायम की सपा लेफ्ट का सहारा लेकर धीरे से कांग्रेस के पाले में जा रही है।
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