Thursday, December 25, 2008

मायावती, मुलायम को हर मामले में पीछे छोड़ देना चाहती हैं, नंगई में भी

मायाराज- जंगलराज का समानार्ती शब्द लगने लगा है। लेकिन, दरअसल ये जंगलराज से बदतर हो गया है। क्योंकि, जंगल का भी कुछ तो कानून होता ही है। 24 अगस्त को मैंने बतंगड़ ब्लॉग पर लिखा था कि गुंडे चढ़ गए हाथी पर पत्थर रख लो छाती पर लेकिन, अब ये जरूरी हो गया है कि हाथी पर चढ़े गुंडों को पत्थरों से मार गिराया जाए। क्योंकि, पहले से bimaru उत्तर प्रदेश की बीमारी अब नासूर बनती जा रही है। शुरू में जब अपनी ही पार्टी के अपराधियों को मायावती ने जेल भेजा तो, लगा कि मायाराज, मुलायम राज से बेहतर है। लेकिन, ये वैसा ही था जैसा नया भ्रष्ट दरोगा थाना संभालते ही पुराने बदमाशों को निपटाकर छवि चमकाता है और अपने बदमाश पाल-पोसकर बड़े करता है। पता नहीं अभी up (उल्टा प्रदेश) को और कितना उलटा होना बाकी है।